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काबुलीवाला - Kabuliwala Story | Hindi Kahani | Hindi Stories | Moral Stories | Hindi Kahaniyan

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टिकट एल्बम - Ticket Album | Moral Story | Hindi Kahaniya | Bedtime Stories | Kahaniyan

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यह कहानी है नताशा की। नताशा बड़े घर की इकलौती बेटी थी। पिता बड़े बिजनेसमैन थे तो किसी बात की कभी कोई तकलीफ नहीं हुई। उसने जो चाहा जो मांगा उसके पापा ने उसे दिला दिया। जिस चीज के लिए उसके पापा या मम्मी ने मना किया तो उसे अपनी जिद से पूरा कर लिया।

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शहर से दूर एक चंपानगर नामक गांव था। इस चंपा नगरी नाम के पीछे बहुत ही भूतिया घटना है। शहर से दूर होने के कारण यहां दुकान यातायात की बड़ी समस्या थी। कोई भी जरूरी सामान लेने जाना हो तो सीधा शहर जाना पड़ता था। उसी गांव में चंपा अपनी छोटी बहन चमेली और बाबा?

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विमला अपने पति घनश्याम और बेटी कोमल के साथ खुशी खुशी अपने गांव में रह रही थी। उसके पति की अपनी दुकान थी जिससे उनके गुजर बसर लायक अच्छी आमदनी हो जाया करती थी। उनकी बेटी कोमल भी गांव के सरकारी स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ती थी। उनकी जिन्दगी हंसी खुशी कट?

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लंगड़ा सोहनलाल लंगड़ाते हुए अपनी पुरानी सी झोपड़ी में आता है जहां पुरानी और फटी हुई कपड़े पहन कर राजू पहले से ही उसका इन्तजार कर रहा है। अरे पिताजी आ गए आज बहुत देर कर दी पता है मुझे आपकी चिंता हो रही थी अरे बेटा क्या करूं। आज बाजार में बहुत देर हो गई

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ये कहानी है सात साल के सुशील की। वो बहुत ही सीधा सादा बच्चा था। दो साल पहले उसके पिता की मौत सांप काटने से हो गई थी। पति के अचानक गुजर जाने पर सुशील की मां को गहरा सदमा पहुंचा। वो बिल्कुल खामोश रहने लगी। खाना पीना भी लगभग छोड़ दिया। एक दिन उसकी भी ?

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ये कहानी है मायागंज गांव की रहने वाली सात साल की सोनिका की। सोनिका के पिता गांव में ही सब्जी बेचने का काम करते थे लेकिन आज वो सब्जी बेचने नहीं जा रही थी। आज सोनिका की मां और पापा दोनों सोनिका के साथ उसके स्कूल विचारे थे। आज उनके लिए बड़े ही गर्व का दिन

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यह कहानी है चाँदनी और अभय की। दोनों ही मिडिल क्लास फैमिली से थीं और एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। अभी पार्टी में जॉब भी करता था और पढ़ाई भी। चांदनी अपने माता पिता के साथ रहती थी। अभी ये पांच साल का था तभी उसके माता पिता की मौत हो गई थी।

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