Stickers for tag stories
Tags Manager »
शहर से दूर एक चंपानगर नामक गांव था। इस चंपा नगरी नाम के पीछे बहुत ही भूतिया घटना है। शहर से दूर होने के कारण यहां दुकान यातायात की बड़ी समस्या थी। कोई भी जरूरी सामान लेने जाना हो तो सीधा शहर जाना पड़ता था। उसी गांव में चंपा अपनी छोटी बहन चमेली और बाबा?
आगे की पूरी कहानी जानने के लिए वीडियो को देखे
- bestbuddies 3 years ago
- Tags: kahani, kahaniyan, moral story, stories, story
- Favorite
लंगड़ा सोहनलाल लंगड़ाते हुए अपनी पुरानी सी झोपड़ी में आता है जहां पुरानी और फटी हुई कपड़े पहन कर राजू पहले से ही उसका इन्तजार कर रहा है। अरे पिताजी आ गए आज बहुत देर कर दी पता है मुझे आपकी चिंता हो रही थी अरे बेटा क्या करूं। आज बाजार में बहुत देर हो गई
आगे की पूरी कहानी जानने के लिए वीडियो को देखे
वर्ष की होगी जब उसकी मां का देहांत हो गया था। उसकी कुछ ही दिनों बाद उसके पापा भी दूसरी शादी कर ली थी। उसकी सौतेली मां शीतल को प्रीति कुछ खास पसंद नहीं थी। कुछ ही दिनों बाद से उसने प्रीति से बुरा बर्ताव करना शुरू कर दिया। शादी के कुछ समय बाद ही ?
आगे की पूरी कहानी जानने के लिए वीडियो को देखे
यदि नाम का लगभग 8 10 वर्ष का लड़का विजय नगर इलाके में रहता था वह समय पर अपना प्रतीक काम करने वाला परिश्रमी और अनुशासित लड़का था। लेकिन उसके पड़ोस और स्कूल के लड़के उसके सीधे स्वभाव का फायदा उठा कर अपना काम निकलवाने के बाद उसके काम में
आगे की पूरी कहानी जानने के लिए वीडियो को देखे
अशोक जोशी ने दूसरी शादी की तब उनकी पहली बच्ची रश्मी केवल तीन महीने की थी। अकेली छोटी सी बच्ची को संभालना उनके लिए मुश्किल साबित हो रहा था। तब जाकर उन्होंने ही कदम उठाया था। शादी वाले दिन रश्मी को अपनी नई पत्नी विमला की गोद में देते हुए अशोक जी कहते हैं
आगे की पूरी कहानी जानने के लिए वीडियो को देखे
गांव का एक बूढ़ा चौधरी लकड़ियों से भरी गाड़ी लेकर पास की नगर में बेचने के लिए आया। चौधरी की गाड़ी को नज़र भर कर देखने के बाद एक सेठ ने पूछा बाबर गाड़ी का क्या लेगा। चौधरी ने कहा। एक ही दम बता दूं पूरे पांच रुपए लूंगा कमी पेशी मत करना।
आगे की पूरी कहानी जानने के लिए वीडियो को देखे
यह कहानी है जमालपुर गांव में रहने वाली चंपा की चंपा पूरे गांव की दुलारी थी क्योकि वह हर समय किसी की भी मदद को तैयार रहती। हां वो बातें बहुत ज्यादा किया करती। बुरे को बुरा तो मुंह पर ही बोल दिया करती थी लेकिन दिल की बहुत ही साफ थी। एक दिन की बात है
आगे की कहानी देखने के लिए वीडियो पर क्लिक करे
साल 2021 आने वाला है। सभी नये साल का इन्तजार कुछ पीएसी कर रही है। जैसे लड़की वाली बारात का इन्तजार करते हैं जिससे पूछो उसके पास नये साल को मनाने का कोई न कोई प्लान है। पांडे जी ने भी नये साल को धूमधाम से मनाने की प्लानिंग कर रखी है
आगे की कहानी जानने के लिए वीडियो को देखे
मंगतराम घर के द्वार पर बेचैनी से टहल रहा था। घर के अंदर उसकी बीवी प्रसव वेदना से कराह रही थी गांव की दाई अंदर उसकी बीवी के पास उसकी मदद कर रही थी। ये मंगत की चौथी संतान थी। इससे पहले भी उसकी तीन बेटियां थीं। मंगत को इस बार बेटा पैदा होने की पूरी उम्मीद थी।
आगे की कहानी वीडियो देख कर जाने|
ये कहानी है ललिता की ललिता की पति का नाम है विनोद वो बैंक की मैनेजर हैं। उन दोनों की दो बच्चें हैं यशी और गौरव ललिता की आदत से विनोद का पूरा परिवार बहुत परेशान है और वो आदत में कंजूसी।
आगे की कहानी देखने के लिए वीडियो पर क्लिक करे