मंगतराम घर के द्वार पर बेचैनी से टहल रहा था। घर के अंदर उसकी बीवी प्रसव वेदना से कराह रही थी गांव की दाई अंदर उसकी बीवी के पास उसकी मदद कर रही थी। ये मंगत की चौथी संतान थी। इससे पहले भी उसकी तीन बेटियां थीं। मंगत को इस बार बेटा पैदा होने की पूरी उम्मीद थी।
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