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ये कहानी है आठ साल की चुनमुन की। चुनमुन खुद से पतंग बनाती हैं और उसे बेचती है। कभी किसी बड़े मॉल के बाहर कभी किसी ट्रैफिक सिग्नल पर कभी किसी स्कूल के बाहर तो कभी किसी पार्क में। पूरे दिन वो पतंग बेचती और शाम को अपने घर जाती।
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अशोक जोशी ने दूसरी शादी की तब उनकी पहली बच्ची रश्मी केवल तीन महीने की थी। अकेली छोटी सी बच्ची को संभालना उनके लिए मुश्किल साबित हो रहा था। तब जाकर उन्होंने ही कदम उठाया था। शादी वाले दिन रश्मी को अपनी नई पत्नी विमला की गोद में देते हुए अशोक जी कहते हैं
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मकर संक्रांति को हिन्दू धर्म में विशेष महत्व प्रदान किया गया है। यह पर्व प्रत्यक्ष देव भगवान सूर्य को समर्पित है। भगवान सूर्य का धनु राशि से मकर में प्रवेश करना संक्रांति के नाती है।
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सुनीता एक गरीब लड़की थी काफी साल पहले उसके पिता का देहांत हो गया था। वो अपनी मां के साथ रहती थी। उसकी मां दूसरों के घरों में झाड़ू पोछा और बर्तन मांजने का काम करती थी। उनका गुजारा बड़ी मुश्किल से होता था। इसलिए सुनीता भी अपनी मां का बोझ कम करने के लिए ?
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मकर संक्रांति को हिन्दू धर्म में विशेष महत्व प्रदान किया गया है। यह पर्व प्रत्यक्ष देव भगवान सूर्य को समर्पित है। भगवान सूर्य का धनु राशि से मकर में प्रवेश करना संक्रांति के नाती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं
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यदि नाम का लगभग 8 10 वर्ष का लड़का विजय नगर इलाके में रहता था वह समय पर अपना प्रतीक काम करने वाला परिश्रमी और अनुशासित लड़का था। लेकिन उसके पड़ोस और स्कूल के लड़के उसके सीधे स्वभाव का फायदा उठा कर अपना काम निकलवाने के बाद उसके काम में कमियां निकाल कर
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हिन्दू धर्म में मंगलवार की व्रत का महत्व बहुत अधिक माना जाता है। मान्यता है कि विधिपूर्वक व्रत रखने से व्रती सभी तरह राखी भाई और चिंताओं से मुक्त हो जाता है। मंगलवार व्रत की पूजा भी मंगलवार के दिन सूर्योदय से पहले ही उठ जाना चाहिए।
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सुनीता एक गरीब लड़की थी काफी साल पहले उसके पिता का देहांत हो गया था। वो अपनी मां के साथ रहती थी। उसकी मां दूसरों के घरों में झाड़ू पोछा और बर्तन मांजने का काम करती थी। उनका गुजारा बड़ी मुश्किल से होता था। इसलिए
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गांव का एक बूढ़ा चौधरी लकड़ियों से भरी गाड़ी लेकर पास की नगर में बेचने के लिए आया। चौधरी की गाड़ी को नज़र भर कर देखने के बाद एक सेठ ने पूछा बाबर गाड़ी का क्या लेगा। चौधरी ने कहा। एक ही दम बता दूं पूरे पांच रुपए लूंगा कमी पेशी मत करना।
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गांव का एक बूढ़ा चौधरी लकड़ियों से भरी गाड़ी लेकर पास की नगर में बेचने के लिए आया। चौधरी की गाड़ी को नज़र भर कर देखने के बाद एक सेठ ने पूछा बाबर गाड़ी का क्या लेगा। चौधरी ने कहा। एक ही दम बता दूं पूरे पांच रुपए लूंगा कमी पेशी मत करना।
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