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यह कहानी है नताशा की। नताशा बड़े घर की इकलौती बेटी थी। पिता बड़े बिजनेसमैन थे तो किसी बात की कभी कोई तकलीफ नहीं हुई। उसने जो चाहा जो मांगा उसके पापा ने उसे दिला दिया। जिस चीज के लिए उसके पापा या मम्मी ने मना किया तो उसे अपनी जिद से पूरा कर लिया।
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वर्ष की होगी जब उसकी मां का देहांत हो गया था। उसकी कुछ ही दिनों बाद उसके पापा भी दूसरी शादी कर ली थी। उसकी सौतेली मां शीतल को प्रीति कुछ खास पसंद नहीं थी। कुछ ही दिनों बाद से उसने प्रीति से बुरा बर्ताव करना शुरू कर दिया। शादी के कुछ समय बाद ही ?
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यह कहानी है जमालपुर गांव में रहने वाली चंपा की चंपा पूरे गांव की दुलारी थी क्योकि वह हर समय किसी की भी मदद को तैयार रहती। हां वो बातें बहुत ज्यादा किया करती। बुरे को बुरा तो मुंह पर ही बोल दिया करती थी लेकिन दिल की बहुत ही साफ थी। एक दिन की बात है
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ये कहानी ये गुणी राम की गुड्डी राम हाथ रिक्शा चलाता था उसकी पत्नी विमला दूसरों के घरों में झाडू पोछे का काम किया करती थी। उन दोनों का एक ही बेटा था नरेश गुणी राम और विमला खूब मेहनत करते हैं ताकि उनके बेटे को किसी चीज की कोई कमी ना हो।
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रुद्रपुर गांव का रहने वाला गोपी बहुत ही भोला था। वो इतना भोला था कि कोई भी उसका गलत फायदा उठा लेता था। उसके पिता बीर सिंह जो गांव के मुखिया थे और जिनका गांव में काफी मान सम्मान था वो गोपी की इस बात से बहुत नाराज रहते थे।
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