श्यामा की उम्र आठ साल थी। दो साल पहले ही उसकी मां का देहांत हो गया था। घर में श्यामा और उसके पिता के अलावा तीसरा कोई नहीं था। श्यामा के पापा पहले श्यामा को तैयार करते थे। उसका लंच बनाते उसे स्कूल भेजते थे। फिर अपने ऑफिस जाते थे।
आगे की कहानी जानने के लिए वीडियो को देखे